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paisa hi sab kuch nahi hai (what money can't buy in hindi)

     इन चीजों को पैसा नहीं खरीद सकता 


        
                            पैसा हमेसा अक्ल की बात नहीं बोलता।  हम अक्सर लोगो को यह कहते  हुए  सुनते है की हर आदमी की एक कीमत होती है। जो लोग ऐसी बात करते है, वो  वास्तव में खुद बिकाऊ होते है। अच्छे चरित्र ,निष्ठा और  सही जीवन मूल्यों वाले लोग बिकाऊ नहीं होते। 
                     योग्यता, काबिलियत, हुनर ये एक ऐसी चीज़ है जिसकी कोई कीमत नहीं होती. आप योग्य व्यक्ति को खरीद सकते है लेकिन उसकी योग्यता को नहीं. चाहे कितना भी पैसा हो, कितना भी जुगाड़ हो या कितनी ही ताकत जो हुनर, जो योग्यता आपमें है ही नहीं वो आप कभी हासिल नहीं कर सकते.
मुकेश अम्बानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक है लेकिन वो चाहे अपनी सारी दौलत भी लगा दे तो सचिन तेंदुलकर जैसा हुनर नहीं ला सकता.

    पैसा खरीद सकता है -

                 ➤हसी ,मगर खुसी नहीं। 

                     ➤ बिस्तर ,मगर नींद नहीं। 

                  ➤ किताबे , मगर ज़्यान नहीं। 

                 ➤ एक घडी , मगर समय नहीं। 

                 ➤ साथी ,मगर दोस्त नहीं। 

                 ➤ चमक -दमक ,मगर खूबसूरती नहीं। 

                 ➤ खाना,मगर भूख नहीं। 

                 ➤ माकन ,मगर घर नहीं। 

                 ➤दवा,मगर सेहत नहीं। 

                 ➤अंगूठी ,मगर जीवनसाथी नहीं। 

                    

how to build a positive persolity in hindi(acchi saksiyat kaise banaye)

ACCHI SAKSIYAT KAISE BANAYE 

  जिसे उड़ना सीखना हो,उसे पहले खड़ा होना, चलना , और दौड़ना आना चाहिए। 


                             आज मै आप लोगो को अच्छी सख्सियत कैसे बनाये इसके बारे में बताऊ गा। 

अच्छी सख्सियत बनाने के 25 तरीके

1- जिम्मेदारी  स्वीकार करे।

    ''जिम्मेदारियां उस ब्यक्ति की ओर खिची चली आती है, जो उन्हें कंधे पर उठा सकता है। ''
जिम्मेदारी से मुँह मोड़ना छोटेपन का नतीजा है। 


2- औरो को परबाह।



3-सबकी जीत के बारे में सोचें।

4-अपने  शब्दों को सावधानी से चुने |

5-आलोचना और शिकायत न करे |



6-मुस्कुराए और दयालु बने |



7- दूसरों के व्यवहार का सही अर्थ निकाले |



8-अच्छे श्रोता बने |

9-उत्साही बने |




10-ईमानदारी और सच्चाई से प्रशंशा करे |




11- जब हम गलती करते हैं, तो उसे क़बूल करते हुए बढे |



12-तर्क करे, पर तकरार न करें |



13-पीठ पीछे बाते न करे |



14-अपने वादों को वचनबध्दता में बदलिए |

15-अहसान तो मानें, लेकिन दुसरे से अहसानमंद होने की उम्मीद न करे | 


16-भरोसेमंद और वफ़ादार बने |



BAJAH JO AAP KO SAFAL HONE SE ROK DETI HAI


17-मन में मैल न रखे |




18-सच्चे, ईमानदार और निष्कपट बनें |
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19-विनम्र बने |
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20-दूसरों को समझाने और  ख़याल रखने वाला बने


21-हर रोज शिष्ट बनने का अभ्यास करे |




22-हसने-हँसाने की आदत डाले |
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23-दुसरो का मजाक न उड़ाए और न ही उन्हें नीचा दिखाए |
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24-दोस्त पाने के लिए दोस्त बने |



25-दुसरो की भावना को महसूस करे |
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इस अध्याय को पढ़ने के बाद आप कौन से तीन कामो को करने के लिए बचनबद्ध होंगे कमेंट करके बताइये 

aakhir kyu tootate hai riste

वे कौन सी वजहें है जो अच्छे रिश्ते को बनाये और कायम रखने में रूकावट बनती है ?

(what are some factor that prevent build and maintaining positive relationships)


आखिर क्यों टूटते है रिश्ते ,इसमें से ज्यादातर वजहों के मायने साफ है , अभी भी समय है ,अगर आप के अंदर भी  है ये लक्षण  तो उसे अभी  बहार करिये, कही आप के रिश्ते को दुश्मनी में न बदल दे

क्यों टूटते है रिश्ते,रिश्ते टूटने की वजह, 


चलिए देखते है वे कौन सी वजहें है ---

    ➧ खुदगर्जी (Selfishness )





   ➧सभ्यता की कमी (Lock of courtesy)



 ➧लापरवाह ब्यवहार (Inconsiderate Behaviour)




 

     ➧वादो को पूरा न करना (Not meeting commitments)



    ➧रूखा व्यवहार (Rude behaviour)



    ➧सच्चाई और ईमानदारी की कमी(Lack of integrity)


    ➧ स्वार्थी रवैया(Self-centeredness) -जो इंसान सिर्फ अपने बारे में सोचता है,वह खुद को वहुत छोटा बना लेता है।


    ➧ अकड़पन(Arrogance) -अक्कड़ आदमी अपने विचाओ और ज्यान  से संतुस्ट रहता है। उसका हमेसा                    अज्ञानी बना रहना तय है


 
    ➧ अहंकार(Conceit) - चूँकि खुदरत  खली जगह  को पसंद नहीं करती ,इसलिए वह खाली दिमाक  अहंकार                   से भर देती है।


     ➧नकारात्मक नजरिया(Negative attitude)
  


     ➧ बंद दिमाक (closed mind)

     ➧  ध्यान से सुनने की कमी (Lack of listening)


     ➧ अनुसासन की कमी (Lack of discipline)



     ➧ दया की कमी (Lack of compassion)

     ➧ उतावलापन (Impatience)

     ➧क्रोध(Anger)- गुस्सा इंसान को मुश्किल में डालता है ,और अहंकार उसे आगे बढ़ने से रोकता है। 


     ➧   तिकड़मी ब्यवहार(Manipulative behaviour)

     ➧ सामना करने की हिम्मत न होना (Escapist behaviour)

     ➧  सच्चाई को अस्वीकार करना (Unwillingness to accept the truth)

     ➧  पिछले बुरे अनुभव (Past bad experience)

     ➧  उपेक्षा का नजरिया(An uncarying attitude) - उपेक्षित होने की भावना अच्छा अहसास नहीं है ,यह                       दिलचस्पी की कमी जाहिर  करता है।

     ➧  लालच(Greed) -समुन्द्र के पानी की तरह है -जितना पीते हैं ,प्यास उतनी ही बढ़ती है।  


इस सूचि में सायद सारी  वाते नहीं है। हममे से ज्यादातर लोगो में ऊपर लिखे कुछ लक्षण हो सकते है। किसी में एक बात ज्यादा हो सकती है , और किस में एक कम। हमारा मकसद इसे जांचना और सही रह पर आना है।
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नजरिया बदलने के आठ कदम  देखने के लिए निचे दी हुई लिंक पर क्लिक करे
najariya badalne ke 8 kadam




सफलता को रोकने वाली बाधाएं(Obscles to success in hindi)

 अगर आपके अंदर भी है यह चीजें तो आप कभी  सफल नहीं हो सकते

      ● अहंकार (Ego)

      ●असफल/सफल होने का डर?
       (Fear of failure/success; lack of self-                 esteen)

      ●कोई योजना न होना (No Plan)

      ● कोई निश्चित लक्ष्य ना होना(Lack of formalised          goals)

      ● जिन्दगी में उतार-चड़ाव (Life change)

      ● टाल-मटोल की आदत ( procrastination)

      ● एकाग्रता की कमी (Lack of focus)

      ● पैसे की लालच से दूर की न सोचना (Givin up                                                                                              ●ट्रेनिंग की कमी(Lack of training)

      ●क्षमता से अधिक उलझ जाना(Tangle over                     capacity)

SAFALATA KYA HAI (WHAT IS SUCCESS)

SAFALATA KYA HAI (WHAT IS SUCCESS)

अगर आप सचमुच सफल होना चाहते है ,तो उन कामो को करने की आदत डालिये ,जिन्हे असफल लोग नहीं करना  चाहते। 


सफलता और असफलता के बारे में काफी शोध (research) किया गया है।
किसी आदमी को कौन सी चीज कामयाब बनाती है ? हमें सफलता का अहसास कैसे होता है? किसी के लिए सफलता का मतलब दौलत, दूसरे के लिए सोहरत , तीसरे के लिए सेहत , चौथे के लिए परिवरिश खुशी ,आत्मसन्तुस्टि और मन की शांति हो सकता है।  इसका मतलब यह हुआ की सफलता एक निजी अहसास (सब्जेक्टिव फीलिंग ) है। अलग -अलग लोगो के लिए इसका अलग-अलग मतलब होता है।
इस  परिभाषा में सफलता की ब्याख्या बहुत अच्छे ढंग से की गई है ---


                               " मूल्यवान लक्ष्य की लगातार प्राप्ति का नाम ही सफलता है। "

      जो सफलता आत्मसन्तुस्टि न दे , वह खोखली होती है। कामयावी का मतलब यह नहीं है की हर इंसान आपको काबुल और पसंद करे। कुछ लोग आप की आलोचना भी करे गे। मई सफलता को अच्छी किस्मत और कड़ी मेहनत का नतीजा मानता हु।
सफलता और प्रसन्ता का चोली -दमन का साथ है। सफलता का मतलव यह है की हम जो चाहे उसे पा ले, और प्रसन्ता का मतलव यह है की हम जो पाए , उसे चाहें।

सफलता का मतलव अपने अस्तित्व को कायम रखना भर नहीं है। इसका अर्थ उससे ज्यादा ब्यापक है -

  सिर्फ जिंदगी न गुजारो -जीओ (Do more than exist -Live)
सिर्फ छुओ नहीं -मासूस करो (Do  more than touch-Feel )
  सिर्फ देखो नहीं -गौर  करो (Do more than look -Abserve)
  सिर्फ देखो नहीं -जीवन में उतारो (Do more than read-absorb
सिर्फ सुनो नहीं-ध्यान से सुनो(Do more hear- listen)
 सिर्फ ध्यान से ही न सुनो -समझो (Do more than listen-understand)

How to develop a positive attitude in hindi (सकारात्मक सोच कैसे बनाये )


How to develop a positive attitude

सकारात्मक सोच कैसे बनाये 

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how to develop positive attitude 


Ham bachapam me jo bhi najariya apnaate hai, vo umra bhar hamare sath rahata hai. isame koi sak nahi ki bachapan me hamare liye sakaratamak(positive) najaritya banana behad aasan hota hai. agar paidaayasi mijaj aur bachapan ke tajarabe ke mel se aapka najariya sakaratamak ban gaya hai, to ham vaakai khusnaseeb hai, lekin janbujh kar ya halat ki vajah se hamara najariya nakaaratamak(negative) ban gaya ho to kya ham usase chipake rahe ge? katai nahi!! kya use badala ja skata hai ? Ha! kya aesa karana aasan hoga ? bilkul nahi! kya yah karane layak hai? yakinan!! 

Ham sakaratam(positive) najariya kaise bana aur rakh sakate hai? iske liye Hamko--

    ➤ सकारात्मक नजरिया  बनाने के उसूलो से वाकिफ होना  होगा।
    ➤ सकारात्मक नजरिया कायम रखने के लिए इच्छा पैदा  करनी होगी। 
    ➤इन उसूलो को अमल में लाने के लिए अनुशासित(disciplined ) तथा निष्ठ(dedicated ) होना होगा। 



       नजरिया बदलने के आठ कदम (8 steps to attitude change)  


अगर हमें सकारात्मक नजरिया बनाना है और कायम रखना है, तो हमको सावधानी पूर्वक ये कदम उठाने पढ़ेंगे -

पहला कदम - अपनी सोच बदले और अच्छाई खोजे 

 ( step 1-  change Focus, Look for the Positive)



                                       कुछ लोग हमेसा नकारातमक पहलू को देखते  है| कुछ लोग हर चीज में नुक्स निकालते है। हमें ये छोड़ना पड़े गा, हमें अच्छी चीजों का खोजी बनना  पड़ेगा। हमें जिंदगी के सकारात्मक पहलू पर ध्यान देना होगा। किसी इंसान, या किसी हालात के बुरे पहलु के बजाय उसके अच्छे पहलू पर गौर करना सुरु करें। हममे से ज्यादातर लोग को अपनी ही सोच का माहौल इस ढंग से ढाल लेता है की हम गलतियों और  कमियों को ढूढने के आदि हो चुके है; और इसलिए तस्वीर का अच्छा पहलू हमसे अनदेखा रह जाता है। 


दूसरा कदम - हर काम फ़ौरन करने की आदत डाले 

( step 2 - Make a Habit of Doing it Now )

                                           हम सभी जिंदगी में कभी ना कभी टालमटोल(procrastinate) करते है। मैंने भी ऐसा किया है , जिसके लिए मुझे बाद में पछताना पढ़ा। टालमटोल की आदत की वजह से हमारा नजरिया नकारात्मक बन जाता है। किसी को करने से अधिक थकान उस काम को न करने के लिए की जाते टालमटोल की वजह से होता है। 
                               कोई भी काम होने पर खुशहाली लाता है और हौसला बुलंद होता है, जबकि आधा-अधूरा काम हमारी हिम्मत को वैसे ही ख़त्म कर देता है , जैसे पानी के टैंक में कोई छेद को खाली कर देता है। 
अगर हम सकारात्मक नजरिया बनाना और कायम रखना चाहते है , तो आज में जीने और हर काम को तुरंत करने की आदत डाले। 

तीसरा कदम -अहसान मानने का नजरिया बनाए 

(step 3- Develop an Attitude of Gratitude)


चौथा कदम -लगातार ज्यान हासिल करने का कार्यक्रम बनाइए 
(step 4- Get into a Continuous Education Programme )

                                   आइए, पहले हम अपनी कुछ गलतफहमियों को दूर करे ,आम तौर पर माना जाता है की हम स्कूल-कॉलेजो में शिक्षा प्राप्त करते है। मई ये सवाल अक्सर पूछते हू ''क्या हम स्कूल-कॉलेजो में वास्तव में शिक्षा प्राप्त करते है?'' इस बात पर आम तौर पर असहमत है की वहा शिक्षा कुछ लोग ही प्राप्त कर पाते है , और ज्यादातर लोग लोग उससे वंचित रह जाते है। मेरी बात का गलत मतलब न निकाले। हमें स्कूल-कॉलेजो से ढ़ेर सारी सूचनाए हासिल होती है। शिक्षित होने के लिए सुचना भी जरुरी है ,लेकिन उसके साथ ही हमें शिक्षा का सही मायने भी समझना चाहिए। 
बौद्धिक शिक्षा(intellectual education) हमारे दिमाक पर असर डालती है ,जबकि नैतिन शिक्षा(values based education) हमारे मन को प्रभावित करती है। पड़ी शिक्षा मन को ट्रेनिंग नहीं देती ,तो वह किस काम की। अगर हमें अपने आस-पास के लोगो के चरित्र का निर्माण करना चाहते है ,तो हमें उन्हें एक स्तर तक नैतिन शिक्षा देना ही होगा। दया और ईमानदारी और जिम्मेदारी को विकसित करने वाली शिक्षा बहुत जरुरी है.
 हमें ज्यादा अच्छर शिक्षा की जरुरत नहीं,बल्कि चरित्र बनाने बाली शिक्षा की है। 
हमें  "ग्रेड " नहीं, बल्कि ज़्यान और  बुद्धिमत्ता हासिल करने के लिए होड़ लगनी  चाहिए। 

पाँचमा कदम -अच्छे स्वाभिमान का निर्माण कीजिए 

(Step 5-Build A Positive Self-esteem)

                               स्वाभिमान क्या है ? (What is self-esteem?)     

                                                                     स्वाभिमान खुद अपने वारे में महसूस करने का नजरिया है। जब हम अपने बारे में अच्छा महसूस करते है , तो हम बेहतर काम करते है। घर और दफ्तर में हमारे रिश्ते बेहतर हो जाते है। दुनिया हमें अच्छी लगती है।   


छठा कदम - नकारात्मक असर से बचे 
 (Step 6- Stay Away from Negative Influences)

                                          स्वाभिमान की कमी की वजह से लोगो में "नहीं , धन्यवाद" कह कर बुरे असर से दूर रहने की हिम्मत नहीं होती इस वजह से कुछ अच्छे स्वाभिमान वाले लोग भी प्रभाबित हो जाते है जैसे कोई मित्र ड्रिंक करता है तो हम भी उसके कहने पर मना नहीं कर पाते और ड्रिंक करने लगते है, 
हमें इससे बचना होगा चाहे वह कितना ही खास मित्र क्यों न हो। 


सातवाँ कदम -जरुरी कामो को पसंद करने की आदत डाले 
(Step 7- Learn to Like the Things That Need to be Done)

                                        ( जो जरुरी है उससे शुरू करे, फिर जो मुमकिन है वह करें , और आप अचानक पाएंगे की आप नामुमकिन कण भी करने लगे है )

कुछ काम ऐसे होते है ,जिन्हे हम पसंद करे, या नापसंद करे पर वे हमें करने ही पड़ते है। जैसे की एक माँ अपने बच्चे की देखभाल हर हल में करती है। कोई जरुरी नहीं है इसमें उसे हमेसा सुख मिलता हो, बल्कि कई बार तो यह तकलीफ देह हो सकता है।  लेकिन हम ऐसे जरुरी कामो को पसंद करना ले, तो फिर नामुमकिन भी मुमकिन बन जाता है। 



                                                 

आठमा कदम -अपने दिन की शुरुआत किसी अच्छे (सकारात्मक)काम से करे 
(Step 8- Start Your Day with Something Positive)

                                                    
                                                     सुबह के वक्त सबसे पहले कोई अच्छी चीज पढ़े, या सुनें। रात को अच्छी तरह सोने के बाद हमारा तनाव दूर हो जाता है, और हमारा मन किसी बात को बड़ी आसानी से काबुल कर लेता है। खुद में बदलाव लेन के लिए हमें सोचे समझे  ढंग से कोसिस करनी होगी, अच्छे विचार और ब्यबहार को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना होगा। 

हार्वर्ड विश्वबिद्यालय के विलियम जेम्स विलियम का कहना है  ''अगर आपको अपनी जिंदगी बदलनी है ,तो उसकी शुरुआत फ़ौरन करे ''



अगर आप अब  तक बताये जा चुके आठ तरीको पर अमल करे, तो विजेता बन जाये गे।