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घर में रहकर महिलाये स्वयं को आगे कैसे बढ़ाये

घर में रहकर महिलाये स्वयं को आगे कैसे बढ़ाये


यह अक्सर पाया गया है की महिलाओ को घर, बच्चे और ऑफिस की जिम्मेदारियों के कारण मजबूर होकर अपना अपनी पढाई या अपना करियर छोड़ना पढता है, जो काफी तकलीफ भरा निर्णय होता है| दोस्तों, पर यदि आप को किसी कारण से अपनी जॉब को अलविदा कहना पड़ा है तो निराश हो कर घर पर बैठने की जरुरत नहीं है क्योकि आप घर रह कर भी स्वयं को आगे बढ़ा सकती है|

आज हम आपको बताएँगे की घर में रह कर भी आप पैसे कैसे कमा सकती है और अपना करियर बना सकती है -    

फ्रीलान्स ब्लॉगर - जी हाँ, यदि आपको लिखना और पढ़ना अच्छा लगता है तो आप फ्रीलान्स राइटर या फ्रीलान्स ब्लॉगर बन सकती है| चाहे तो अपनी वेबसाइट भी बना कर ब्लॉग्गिंग स्टार्ट कर आप पैसा कमा सकती है| आप फ्रीलान्स ब्लॉगर बन या राइटर बन किसी नई एजेंसी या मैगज़ीन के लिए भी लिख सकती है| वह भी घर बैठे|


इमेज डिजाइनिंग - आज के ऑनलाइन दौर में पैसा कमाना की यदि आप चाह रखते है तो और यदि आपमें इमेजिनेशन की कला है साथ आपको डिजाइनिंग का सही ज्ञान है तो आप घर बैठे पैसा कमा सकते है| इमेज डिज़ाइन कर आप ग्राफ़िक डिज़ाइनर बन घर बैठे आसानी से पैसा कमा सकते है| अच्छी बात है यह है की वैसे तो बहुत सारे फ्री ऑनलाइन टूल मौजूद है पर Canva की मदद से आप आसानी से क्रिएटिव इमेजेज बना सकते है, और एक अच्छी इमेज डिज़ाइनर के तौर पर अपना करियर बना सकती है|

केक बेकर - अधिकतर महिलाओ के लिए खाना बनाना एक शौक होता है| यदि आप भी उन में से एक है तो अपने इस शौक के जरिये भी पैसा कमा सकती है| यदि आपको कुकिंग का शौक है तो आप अलग अलग तरीके के केक बना कर भी बेच सकते है| थीम बेस्ड केक्स बना कर आप बहुत पैसा कमा सकते है| यह आप पर निर्भर करता है आप चाहे तो घर पर कुकिंग क्लासेज भी ले सकती है और पैसा कमा सकती है|

आप कॉपीराइटर भी बन सकती है - कॉपीराइटर बन आप बहुत सारा पैसा घर बैठे कमा सकती है | इसके लिए आपको एडवरटाइजिंग की गहरी समझ और शब्दो का सही उपयोग करना आना चाहिए | ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम जॉब के मदद से आपसे आप कॉपी राइटिंग का काम ले सकती है| डाटा एंट्री भी घर बैठर पैसा कामने का बहुत ही अच्छा तरीका है|

ज्वेलरी मेकर - आप घर बैठे ज्वेलरी डिज़ाइन भी कर सकती है | अच्छी बात ये है की यदि आपको ये नहीं भी आता है तो भी आप सीख कर शुरुवात कर सकती है वो भी थोड़े से दिन में |
आप को बस अच्छी डिज़ाइन बनाकर उस हिसाब से ज्वेलरी मेकिंग के लिए सामान लाना होगा और आप आसानी से अपना जेवेलरी मेकिंग एंड सेल्लिंग बिज़नेस स्टार्ट कर सकती है |आप चाहे तो फ्यूचर में ज्वेलरी मेकिंग क्लासेज और वर्कशॉप्स लगा कर भी कर पैसे कमा सकती है |ऑनलाइन बहुत आइडियाज आपको मिल जायेगे जिनकी मदद से आप एक अच्छी ज्वेलरी मेकर बन समाज में अपना नाम और पैसा दोनों कमा सकती है |

क्राफ्ट बनाना - पेपर डेकोरेटिव पीस, क्राफ्ट्स, पेंटिंग, बना कर आप अपने घर से हैंडीक्राफ्ट का बिजनेस शुरू कर पैसा कमा सकती है। घर में कुशन कवर, डेकोरेटिव पीस, पेंटिंग्स बना कर आप उन्हें बेच सकती है| धीरे धीरे आप अपने क्राफ्ट के बिज़नेस को बढ़ने के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल स्टार्ट कर पैसा कमा सकती है|

इस तरह घर में रह कर महिलाये स्वयं को आगे बढ़ा सकती है और किसी भी प्रकार की नेगेटिविटी से दूर रह सकती है, साथ ही अपना घर, जॉब और करियर बना कर पैसा कमा सकती है| दोस्तों इस तरह आप अपने करियर में नयी उचाईयो को हासिल कर सकती है|और अपना वजूद घर बैठे भी कायम रख सकती है |

MOTIVATIONAL STORY IN HINDI

 सोने की तलाश में



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कहानी -सोने की तलाश में -

एंड्रयू कार्नेजी अपने बचपन के दिनों में ही स्कॉटलैंड से अमेरिका चले गए उन्होंने छोटे-मोटे कामों से शुरुआत की और आखिरकार अमेरिका में स्टील बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी के मालिक बन गए एक ऐसा वक्त आया जब उनके लिए 43 करोड़पति काम करते थे करोड रुपए इस जमाने में भी बहुत होते हैं लेकिन से 1920 के आसपास तो उनकी बहुत ज्यादा कीमत थी, किसी ने कानोंसी  से पूछा "आप लोगों से कैसे पेश आते हैं?" उन्होंने जवाब दिया- "लोगों से पेश आना काफी हद तक सोने की खुदाई करने जैसा ही है|  हमको एक तोला सोना खोज निकालने के लिए कई दिन मिट्टी हटाने पड़ती है लेकिन खुदाई करते वक्त हमारा ध्यान मिट्टी पर नहीं बल्कि सोने पर रहता है एंड्रयू कार्नेजी इसके जवाब में एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश छिपा हुआ है हो सकता है कि किसी इंसान या किसी हालत में कोई अच्छी बात साफ तौर पर ना दिखाई दे रही हो ऐसी हालात में हमें उसे गहराई में जाकर तलाशना होगा,


 हमारा मकसद क्या है? सोना तलासना  अगर हम किसी इंसान या किसी चीज में कमियां जुड़ेंगे तो हमको ढेरों कमिया  दिखाई देंगी  लेकिन हमें किस चीज की तलाश है- सोने की,या  मिट्टी की? कमियां ढूंढने वाले तो स्वर्ग में भी कमियां निकालते हैं अधिकतर लोगों को वही मिलता है जिसकी उन्हें तलाश होती है|

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CHILDRENS STORY IN HINDI

        

   कैसे लोगों पर आप भरोसा करें?


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एक गुरु और उनके सभी शिष्य एक आश्रम में रहते थे। इस वर्ष सभी शिष्यों की शिक्षा पूरी हो चुकी थी और उनका आश्रम में आखरी दिन था। जब सारे शिष्य एक जगह इकट्ठा हो गए तब आश्रम की परंपरा के अनुसार, गुरुजी अपने शिष्यों को आखरी उपदेश और सीख देने आए। वे अपने हाथों में लकड़ी के तीन गुड्डे लेकर वहां आए और शिष्यों को गुड्डे दिखाते हुए बोले, मेरे हाथ में ये जो तीन खिलौने हैं, आप सभी को इनमें अंतर खोजना है। गुरुजी की आज्ञा से सारे शिष्य बड़े ध्यान से तीनों गुड्डों में अंतर ढूंढने लगे| तीनों ही गुड्डे दिखने में लगभग एक जैसे थे और उनमें अंतर खोजना शिष्यों के लिए बड़ा ही मुश्किल काम था।


तभी एक शिष्य को एक गुड्डे में कुछ फर्क दिखा और वो बोला, अरे ये देखो इस पहले गुड्डे के दोनों कानों में छेद है। इसके बाद सभी शिष्य को इतना समझ गया कि ऐसे ही कोई छोटे-मोटे अंतर ही होंगे, सभी ने अब उसी दिशा में परखना शुरु किया।


एक दूसरे शिष्य ने कहा, अरे देखो, इस दूसरे गुड्डे के मुंह में छेद है और तभी एक और शिष्य ने कहा, इस तीसरे गुड्डे के सिर्फ एक ही कान में छेद है। काफी समय बीत गया लेकिन इन तीनों फर्क के बाद और कोई अंतर शिष्यों को नहीं मिला। तब गुरुजी ने कहा, इन तीनों गुड्डो में सिर्फ यही तीन अंतर हैं।

अब गुरुजी ने एक शिष्य को एक पतला तार देते हुए कहा, इस तार को पहले गुड्डे के कानों में डाल दो, शिष्य ने वैसा ही किया, क्योंकि इस गुड्डे के दोनों ही कानों में छेद थे इसलिए वो तार दूसरे कान से बाहर निकल आया।

फिर गुरुजी ने दूसरे शिष्य को एक पतला तार देते हुए कहा, इसे दूसरे गुड्डे के कान में डाल दो, लेकिन इस गुड्डे के मुंह में छेद था, इसलिए इस बार तार मुंह से बाहर निकल आया।

फिर गुरुजी ने तीसरे शिष्य को एक पतला तार देते हुए कहा, इसे तीसरे गुड्डे के कान में डाल दो, इस गुड्डे के सिर्फ एक ही कान में छेद था इसलिए तार अंदर तो चला गया, लेकिन कहीं से भी बाहर नहीं पाया।

अब गुरुजी ने अपने शिष्यों को समझाया कि देखो शिष्यों इन्ही गुड्डों की तरह इस आश्रम के बाहर अब जिन्दगी में तुम्हें तीन तरह के लोग मिलेंगे, जिनमें अंतर करना तुम्हें आना चाहिए।
कुछ लोग पहले गुड्डे की तरह होंगे जिनके दोनों कानों में छेद होगा यानी कि जिनसे अगर तुम कोई बात कहोगे तो वे लोग एक कान से सुनकर उसे दूसरे कान से निकाल देंगे। ऐसे लोगों के साथ कोई भी बात तुम शेयर मत करना।
कुछ लोग दूसरे गुड्डे की तरह होंगे, जिनके मुंह में छेद होगा यानी वे लोग तुम्हारी बातें सुनकर किसी और के सामने जाकर उसे कह देंगे, ऐसे लोगों से तुम कोई भी महत्वपूर्ण बात शेयर मत करना।

और कुछ लोग होंगे उस तीसरे गुड्डे की तरह जिनके सिर्फ एक कान में छेद होगा यानी वे लोग तुम्हारी बातें ध्यान से सुनेंगे और किसी से भी जाकर नहीं कहेंगे। ऐसे लोगों से तुम सभी बातें कर सकते हो, सलाह ले सकते हो और उन पर भरोसा कर सकते हो। ऐसे लोग तुम्हारी ताकत बनेंगे।


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   कहानी : सूझबूझ से सुलझा लें समस्या

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एक किसान था, वह अपने खेतों में काम कर घर लौट रहा था। रास्ते में ही एक हलवाई की दुकान थी। उस दिन किसान ने कुछ ज्‍यादा काम कर लिया था और उसे भूख भी बहुत लग रही थी। ऐसे में जब वह हलवाई की दुकान के पास से गुजरा तो उसे मिठाइयों की खुशबू आने लगी। वह वहां खुद को ڬरोके बिना नहीं रह पाया। लेकिन उस दिन उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे, ऐसे में वह मिठाई खरीद नहीं सकता था, तब वह कुछ देर वहीं खड़े होकर मिठाइयों की सुगंध का आनंद लेने लगा।
जब मिठाईवाले ने किसान को मजे से उसकी दुकान की मिठाइयों की खूशबू का आनंद लेते देखा, तब उससे किसान की खुशी देखी नहीं गई, वह किसान के पास गया और बोला, पैसे निकालो। किसान हैरान हुआ और बोला कि मैंने तो मिठाई नहीं खरीदी और न ही चखी है फिर पैसे किस बात के? हलवाई बोला, भले ही तुमने मिठाई नहीं ली हो, लेकिन मेरी बनाई मिठाई की खुशबू का आनंद तो लिया है।

किसान बोला, मिठाई की खुशबू लेना मिठाई खाने के बराबर ही है तो तुम्हें अब इसके पैसे देने होंगे।

किसान पहले थोड़ा घबराया, लेकिन फिर थोड़ी सूझबूझ दिखाते हुए उसने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकाले और उन्‍हें दोनों हाथों के बीच में डालकर खनकाया। अब खनकाने के बाद किसान अपने रास्ते जाने लगा।

हलवाई बोला, मेरे पैसे तो दो! किसान ने कहा, जैसे मिठाई की खुशबू का आनंद लेने मिठाई खाने के बराबर ही है, वैसे ही सिक्कों की खनक सुनना भी पैसे लेने के बराबर ही है।

तो दोस्तों, कई बार आपको जीवन में इस हलवाई के जैसे लोग भी मिल जाएंगे, ऐसे में आप घबराएं नहीं। सूझबूझ से इन्हें जवाब दें और समस्या से इस किसान की तरह ही बाहर निकल जाएं।



    

CHILDREN STORY IN HINDI


                 गरीब लड़की की उदारता


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कहानी -गरीब लड़की की उदारता



एक गाँव में एक साहूकार अपने परिवार के साथ रहता था। परिवार में उसकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा थे। शानदार बंगला, नौकर-चाकर, गाड़ियाँ और सब शानो-शौकत का सामान था उसके पास। 

गरीब लोगों को बहुत ज्यादा सूद पर कर्जा देना उसका धंदा था। अक्सर लोग तंगी के दिनों में या किसी त्यौहार या ब्याह शादी के मौके पर उस साहूकार से कर्जा ले लेते थे। 

जब फसल अच्छी होती तो कर्जा थोड़ा थोड़ा कर के उतारने लगते। लेकिन जिस वर्ष सूखा पड़ता तो कर्ज तो छोड़ो गाँव वाले सूद तक नहीं दे पाते। इसी का फ़ायदा उठा वो साहूकार उनकी जमीनों पर कब्ज़ा कर लेता। कब्ज़ा कर उन्हें बेच देता और खूब पैसे कमाता। इस धंदे में उसका बेटा भी उसकी मदत करता। दोनों बाप बेटा हर समय किसी किसी गरीब की जमीन हड़पने की योजना ही बनाते रहते। 
एक दिन शहर से एक व्यापारी आया और साहूकार से गाँव में जमीन खरीदने की इच्छा बताई। साहूकार की ख़ुशी का ठिकाना रहा। घर बैठे बिठाए जमीनों का ग्राहक मिल गया। 
साहूकार ने उस व्यापारी को बहुत सी जमींने दिखाई जो उसने कर्जे के बदले गाँव वालों से हथिआ ली थी। लेकिन उस व्यापारी को कोई भी जमीन पसंद आयी। गाँव में घुमते हुए व्यापारी को एक जमीन का टुकड़ा पसंद आया। उसने साहूकार से उस जमीन के बारे में पुछा तो साहूकार सोच में डूब गया। 
असल में वो जमीन तो एक बिन माँ-बाप की लड़की की थी जो वहां पर रहती थी। उस लड़की के माँ-बाप ने साहूकार से 20,000 रूपए कर्जा लिया था मगर उसे चुकाने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गयी। बेसहारा लड़की की हालत देख गाँव की पंचायत ने साहूकार से उस जमीन पर कब्ज़ा करने को कहा। भला पंचायत की बात कैसे टाल सकता था साहूकार। मगर दिल में हमेशा ही उस जमीन पर कब्ज़ा करने की बात सोचता रहता था। 
आज व्यापारी की इच्छा सुन उसका लालच बाहर आगया और उसने जमीन पर कब्जे का मन बना लिया। 
कर्जे के सारे कागज ले वो उस लड़की के घर पहुंचा और कर्जा वापिस करने की बात कही। जब उस लड़की ने अपनी दुर्दशा बताते हुए और समय माँगा तो साहूकार ने कब्ज़ा करने की धमकी दी। 
कब्जे की धमकी सुन वह लड़की पंचायत के मुखिया के पास गयी और उसकी जमीन को बचाने की दुहाई लगाई। सारे गाँव में ये बात आग की तरह फ़ैल गयी की साहूकार उस बेसहारा लड़की की जमीन पर कब्ज़ा करने वाला है। 
यह बात उड़ते उड़ते साहूकार की बेटी के कान में पड़ी। अपने पिता के लालच की बात सुन उसके मन में बहुत दुःख हुआ। उसने अपने पिता से इस बारे में बात करने की कोशिश की लेकिन साहूकार को तो बहुत बड़ा मुनाफा ही सिर्फ दिख रहा था। उसे बेसहारा लड़की की दुर्दशा या अपनी बेटी के निवेदन का कोई असर हुआ और उसने उस जमीन पर कब्जे का एलान कर दिया। 
साहूकार की बेटी ने भी जिद पकड़ ली कि उस लड़की की जमीन पर कब्ज़ा होने देगी। पर अपनी एक चलती देख इसके दिमाग में एक योजना सूझी। 
अगले दिन सुबह सुबह वह बेसहारा लड़की और उसके साथ दो लोग साहूकार के घर पहुंचे और कर्जे की 5,000 की किश्त दे दी। साथ में ये भी कह दिया कि 3 -4 महीनों में कर्जे के बाकी रूपए भी उन्हें मिल जाएन्गे। रूपए देने के बाद रसीद ले सब चले गए। चूँकि, अब किश्त मिल गयी थी इसलिए पंचायत ने भी कब्ज़ा नहीं करने दिया। 
साहूकार बहुत परेशान था कि आखिर उस लड़की के पास इतना सारा रुपया कहाँ से आया। कल तक तो वो दाने दाने को तरसती थी और आज 5000 रूपए दे गयी। कुछ भी समझ आने पर उसने गाँव वालों से भी पूछताश की लेकिन कोई भी रुपयों के बारे में नहीं जानता था। 
कुछ दिनों बाद वह लड़की फिर दो गाँव वालों के साथ आयी और कर्जे की बाकी रकम चुका कर रसीद और कर्जे के सारे कागज ले लिए। साहूकार परेशान कि आखिर इस लड़की के पास इतना धन आया कहाँ से। 
इस तरह कुछ दिन और बीत गए। एक दिन साहूकार को खबर मिली की उस बेसहारा लड़की ने अपनी जमीन बेच दी है। कुछ कर तो सकता नहीं था लेकिन उत्सुकतावश जा कर देखा तो चौंक गया। जमीन पर एक बोर्ड लगा था। उस बोर्ड पर जमीन के मालिक का नाम देख साहूकार की मानो साँसे रुक गयी हों। मालिक के नाम के आगे लिखा था उसकी अपनी बेटी और उस लड़की का नाम। 
दौड़ा हुआ घर गया और बेटी से पुछा कि ये क्या तमाशा है। तब उसकी बेटी ने उसे बताया कि उस गरीब लड़की को मदत के लिए उसने अपने सारे गहने बेच डाले। ताकि उसकी जमीन आपके कब्जे से बच सके। लेकिन जमीन आप से छुड़ाते ही उस बेसहारा लड़की ने उदारता दिखते हुए आधी जमीन मेरे नाम कर दी। 
बेटी ने उसे समझाया कि आप तो उस लड़की का आखिरी सहारा भी छीन रहे थे मगर उस लड़की का बड़प्पन देखो जो उसने जमीन छुड़ाते ही मेरे गहनों के बदले अपनी आधी जमीन मुझे दे दी। 
यह सब सुन साहूकार को शर्मिंदगी महसूस हुई और उसने भविष्य में कभी किसी की जमीन हड़पने का वचन दिया।