कैसे लोगों पर आप भरोसा करें?
kids story in hindi |
एक
गुरु और उनके सभी
शिष्य एक आश्रम में
रहते थे। इस वर्ष सभी
शिष्यों की शिक्षा पूरी
हो चुकी थी और उनका
आश्रम में आखरी दिन था। जब सारे शिष्य
एक जगह इकट्ठा हो गए तब
आश्रम की परंपरा के
अनुसार, गुरुजी अपने शिष्यों को आखरी उपदेश
और सीख देने आए। वे अपने हाथों
में लकड़ी के तीन गुड्डे
लेकर वहां आए और शिष्यों
को गुड्डे दिखाते हुए बोले, मेरे हाथ में ये जो तीन
खिलौने हैं, आप सभी को
इनमें अंतर खोजना है। गुरुजी की आज्ञा से
सारे शिष्य बड़े ध्यान से तीनों गुड्डों
में अंतर ढूंढने लगे| तीनों ही गुड्डे दिखने
में लगभग एक जैसे थे
और उनमें अंतर खोजना शिष्यों के लिए बड़ा
ही मुश्किल काम था।
तभी
एक शिष्य को एक गुड्डे
में कुछ फर्क दिखा और वो बोला,
अरे ये देखो इस
पहले गुड्डे के दोनों कानों
में छेद है। इसके बाद सभी शिष्य को इतना समझ
आ गया कि ऐसे ही
कोई छोटे-मोटे अंतर ही होंगे, सभी
ने अब उसी दिशा
में परखना शुरु किया।
एक
दूसरे शिष्य ने कहा, अरे
देखो, इस दूसरे गुड्डे
के मुंह में छेद है और तभी
एक और शिष्य ने
कहा, इस तीसरे गुड्डे
के सिर्फ एक ही कान
में छेद है। काफी समय बीत गया लेकिन इन तीनों फर्क
के बाद और कोई अंतर
शिष्यों को नहीं मिला।
तब गुरुजी ने कहा, इन
तीनों गुड्डो में सिर्फ यही तीन अंतर हैं।
अब
गुरुजी ने एक शिष्य
को एक पतला तार
देते हुए कहा, इस तार को
पहले गुड्डे के कानों में
डाल दो, शिष्य ने वैसा ही
किया, क्योंकि इस
गुड्डे के दोनों ही
कानों में छेद थे इसलिए वो
तार दूसरे कान से बाहर निकल
आया।
फिर
गुरुजी ने दूसरे शिष्य
को एक पतला तार
देते हुए कहा, इसे दूसरे गुड्डे के कान में
डाल दो, लेकिन इस गुड्डे के
मुंह में छेद था, इसलिए इस बार तार
मुंह से बाहर निकल
आया।
फिर
गुरुजी ने तीसरे शिष्य
को एक पतला तार
देते हुए कहा, इसे तीसरे गुड्डे के कान में
डाल दो, इस गुड्डे के
सिर्फ एक ही कान
में छेद था इसलिए तार
अंदर तो चला गया,
लेकिन कहीं से भी बाहर
नहीं आ पाया।
अब
गुरुजी ने अपने शिष्यों
को समझाया कि देखो शिष्यों
इन्ही गुड्डों की तरह इस
आश्रम के बाहर अब
जिन्दगी में तुम्हें तीन तरह के लोग मिलेंगे,
जिनमें अंतर करना तुम्हें आना चाहिए।
कुछ
लोग पहले गुड्डे की तरह होंगे
जिनके दोनों कानों में छेद होगा यानी कि जिनसे अगर
तुम कोई बात कहोगे तो वे लोग
एक कान से सुनकर उसे
दूसरे कान से निकाल देंगे।
ऐसे लोगों के साथ कोई
भी बात तुम शेयर मत करना।
कुछ
लोग दूसरे गुड्डे की तरह होंगे,
जिनके मुंह में छेद होगा यानी वे लोग तुम्हारी
बातें सुनकर किसी और के सामने
जाकर उसे कह देंगे, ऐसे
लोगों से तुम कोई
भी महत्वपूर्ण बात शेयर मत करना।
और
कुछ लोग होंगे उस तीसरे गुड्डे
की तरह जिनके सिर्फ एक कान में
छेद होगा यानी वे लोग तुम्हारी
बातें ध्यान से सुनेंगे और
किसी से भी जाकर
नहीं कहेंगे। ऐसे लोगों से तुम सभी
बातें कर सकते हो,
सलाह ले सकते हो
और उन पर भरोसा
कर सकते हो। ऐसे लोग तुम्हारी ताकत बनेंगे।
कहानी : सूझबूझ से सुलझा लें समस्या
children story in hindi |
एक
किसान था, वह अपने खेतों
में काम कर घर लौट
रहा था। रास्ते में ही एक हलवाई
की दुकान थी। उस दिन किसान
ने कुछ ज्यादा काम
कर लिया था और उसे
भूख भी बहुत लग
रही थी। ऐसे में जब वह हलवाई
की दुकान के पास से
गुजरा तो उसे मिठाइयों
की खुशबू आने लगी। वह वहां खुद
को ڬरोके बिना नहीं रह पाया। लेकिन
उस दिन उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे, ऐसे में वह मिठाई खरीद
नहीं सकता था, तब वह कुछ
देर वहीं खड़े होकर मिठाइयों की सुगंध का
आनंद लेने लगा।
जब
मिठाईवाले ने किसान को
मजे से उसकी दुकान
की मिठाइयों की खूशबू का
आनंद लेते देखा, तब उससे किसान
की खुशी देखी नहीं गई, वह किसान के
पास गया और बोला, पैसे
निकालो। किसान हैरान हुआ और बोला कि
मैंने तो मिठाई नहीं
खरीदी और न ही
चखी है फिर पैसे
किस बात के? हलवाई बोला, भले ही तुमने मिठाई
नहीं ली हो, लेकिन
मेरी बनाई मिठाई की खुशबू का
आनंद तो लिया है।
किसान
बोला, मिठाई की खुशबू लेना
मिठाई खाने के बराबर ही
है तो तुम्हें अब
इसके पैसे देने होंगे।
किसान
पहले थोड़ा घबराया, लेकिन फिर थोड़ी सूझबूझ दिखाते हुए उसने अपनी जेब से कुछ सिक्के
निकाले और उन्हें
दोनों हाथों के बीच में
डालकर खनकाया। अब खनकाने के
बाद किसान अपने रास्ते जाने लगा।
हलवाई
बोला, मेरे पैसे तो दो! किसान
ने कहा, जैसे मिठाई की खुशबू का
आनंद लेने मिठाई खाने के बराबर ही
है, वैसे ही सिक्कों की
खनक सुनना भी पैसे लेने
के बराबर ही है।
तो
दोस्तों, कई बार आपको
जीवन में इस हलवाई के
जैसे लोग भी मिल जाएंगे,
ऐसे में आप घबराएं नहीं।
सूझबूझ से इन्हें जवाब
दें और समस्या से
इस किसान की तरह ही
बाहर निकल जाएं।
जरूर पढ़िए --कहानी -गरीब लड़की की उदारता
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