भाग्य में जो लिखा है ,वही हासिल होगा (MOTIVATIONAL STORY)
भाग्य में जो लिखा है , वही हासिल होगा इसी बात को समझाने के लिए मै एक मोटिवेशनल स्टोरी लिख रहा हु आसा है की आप लोगो को पसंद आये गी।
भाग्य में जो लिखा है ,वही हासिल होगा (MOTIVATIONAL STORY)-
एक किसान था उसके पास एक बकरा और दो बैल थे। वह अपनी खेती के काम के लिए अपने बैलो पर पूरी तरह से निर्भर था।
इसके बाबजूद भी वह बैलो पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाता था। वह से वह खेत जोतने का काम लेता।
दोनों बैल दिन भर कड़ी मेहनत करके खोतो की जुताई करते थे। इसके उलटे बकरे के लिए कोई काम तो था नहीं। वह दिन भर इधर -उधर घूम -घूम कर हरी -हरी घास चरता रहता। खा पीकर वह काफी मोटा -तगड़ा हो गया था। यह देख कर बैल सोचते की इस बकरे के मजे है। कुछ करता -धरता तो है नहीं और सारा दिन इधर-उधर घूमकर खाता रहता है। इधर बकरा बैलो की हालत देखता तो उसे भी बड़ा दुःख होता की बेचारे सारा दिन हल में जुते रहते है। और मालिक है की इनकी ओर पूरी तरह ध्यान नहीं देता।
वह बैलो को कुछ देना चाहता था। जिससे इनका कुछ भला हो एक दिन दोनों बैल खेत जोत रहे थे। बकरा
भी वही खोतो के पास घास चर रहा था। दोनों बैलो को खेत जोतने में काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। वे दोनों हॉफ रहे थे। यह देख कर बकरा मूर्खता पूर्ड स्वर में बोला - भाइयो ,तुम दोनों को दिन भर खोतो में कड़ी मेहनत करते देख कर मुझे बहुत दुःख होता है।
परन्तु किया क्या जा सकता है ,यह तो भाग्य का खेल है। मुझे देखो ,मेरे पास दिन भर चरने के अलावा कोई काम नहीं है। दिन भर मैं इधर-उधर मैदानों में चरता रहता हु। किसान की पत्नी खुद खोतो में जाती है और मेरे लिए हरी पत्तिया और घास लेकर आती है। तुम दोनों तो मुझसे ईर्ष्या करते होंगे। दोनों बैल चुप -चाप बकरे की बाते सुनते रहे। उन्होंने बकरे की किसी भी बात का जबाब नहीं दिया। दोनों सोचते रहे यह तो कह सच ही रहा है। जब वे शाम को खोतो से काम करके वापस आये तो उन्होंने देखा की ,किसान की पत्नी किसी कसाई से धन लेकर वह बकरा बेच रही थी।
दोनों बैलो की आखो में आंसू भर आये। बेचारे कर भी क्या सकते थे। उनमे से एक धीमे स्वर में बोला -आह!!
तुम्हारे भाग्य में यही लिखा था। "जिसके भाग्य में जैसा लिखा होता है ,वैसा ही होता है।"
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