बताऊं क्या शहर तुझको हुआ क्या मां के आने से
किराए का मकान भी मुझे मेरे घर स लगता है।
क्रूर था जो रात का अकेलापन
मां के आने से वो भी औंधा सा लगता है ।ma
उपहास करती थी जो थकावट आज तक मेरा
मां के आने से वो भी थका सा लगता है ।
बताऊं क्या शहर तुझको हुआ क्या मां के आने से
होना सब कुछ है अभी, लेकिन सब कुछ हुआ सा लगता है।
किराए का मकान भी मुझे मेरे घर स लगता है।
क्रूर था जो रात का अकेलापन
मां के आने से वो भी औंधा सा लगता है ।ma
उपहास करती थी जो थकावट आज तक मेरा
मां के आने से वो भी थका सा लगता है ।
बताऊं क्या शहर तुझको हुआ क्या मां के आने से
होना सब कुछ है अभी, लेकिन सब कुछ हुआ सा लगता है।
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