mothers day kavita

बताऊं क्या शहर तुझको हुआ क्या मां के आने से 
किराए का मकान भी मुझे मेरे घर स लगता है।

क्रूर था जो रात का अकेलापन 
मां के आने से वो भी औंधा सा लगता है ।ma

उपहास करती थी जो थकावट आज तक मेरा 
मां के आने से वो भी थका सा लगता है ।

बताऊं क्या शहर तुझको हुआ क्या मां के आने से 
होना सब कुछ है अभी, लेकिन सब कुछ हुआ सा लगता है।

No comments:

Post a Comment